Suhagrat Me Ladki Ke Tips
सुहागरात में लड़की के टिप्स
शादी का नाम लो या फिर सुहागरात का, इन दोनों के विचार मन में आते ही एक मीठी-सी गुदगुदी शरीर में होने लगती है। मन जोश और एक अनजाने उत्साह से भर जाता है। फिर चाहे युवा स्त्री हो या पुरूष, दोनों ही अपने-अपने ख्यालों में सुहागरात की स्वादिष्ट खिचड़ी बनाने लगते हैं। ऐसे करेंगे, वो ऐसा बोलेंगे, मैं भी ये कहूंगी वो कहूंगी, इत्यादि बातों को सोच-सोचकर दोनों ही रोमांचित होते रहते हैं। एक नया उत्साह और उत्सुकता भर देता है दिलों में। यूं तो दूल्हा-दुल्हन दोनों को ही सुहागरात में धैर्य के साथ-साथ कई बातों का ध्यान रखना होता है, लेकिन इस हिंदी लेख में हम दुल्हन के लिए कुछ विशेष टिप्स बता रहे हैं, जिनका अनुसरण करके दुल्हन सुहागरात में खुद को संभालने में सफल रह सकती हैं और पति को समर्पित होकर पति का दिल जीतने में भी सफलता प्राप्त कर सकती है।
जब आप(दुल्हन) शादी के बंधन में बंधती हैं, तो आपके दिल में सुहागरात से जुड़े कई प्रश्न हलचल मचा रहे होते हैं। जहां दिल जोरों से धड़क रहा होता है, तो वहीं दूसरी ओर आप में नर्वसपन भी बहुत हो जाता है। इस स्थिति में आपको चाहिए कि आप खुद से बात अथवा प्रश्न करते हुए अपने आपको शांत करने का प्रयत्न करें। धैर्य, शांत और सरल तरीके से खुद को संभालने की जरूरत आपको होती है।
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सुहागरात में दुल्हन के लिए टिप्स-
खुद को शांत रखें-
सुहागकक्ष में सुहाजसेज पर आप अपने मन से हर प्रकार के भय और नकरात्मक विचारों को निकाल दें और पूर्णतः मन को शांत रखें। जल्दबाजी न करें और धैर्य से परिस्थिति का मन में आंकलन करें और उसी हिसाब से खुद को संयमित रखने का प्रयास करें।
अधितर लड़कियों के दिमाग में हजारों प्रश्न चल रहे होते हैं जैसे- कैसे होगा, क्या मैं कर पाऊंगी, कुछ हो गलत हो गया तो, शुरूआत ही गलत हो गई तो.. इत्यादि। इन सब बातों को परे रखें और केवल आज की रात पर ही अपना पूरा ध्यान केन्द्रित करें, ताकि पति के साथ आप इस रात को सुनहरी यादों से महका सकें। यह आपका पहला अनुभव होता है, जहां आप अपनी जिंदगी की एक नई शुरूआत करने जा रही होती हैं। इस रात आपका पति के साथ मधुर मिलन होता है, तो जितना हो सके खुद को शांत रखें।
ब्लीडिंग-
ज्यादातर स्त्रियां इस बात को लेकर बेहद चिंतित रहती हैं कि सुहागरात में जब पहली बार पति से मिलन होगा, तो ब्लीडिंग होनी जरूरी है, क्योंकि यही उसके कुंवोरपन की निशानी होगी। अगर ऐसा नहीं हुआ, तो कहीं पति उनके चरित्र पर ही संदेह न करने लगे। इस प्रकार की धारणा को अपने दिल-दिमाग से दूर निकाल फेंके। दरअसल अधिकतर जो लड़कियां खेलकूद, साइक्लिंग, स्वीमिंग या बहुत अधिक शारीरिक मेहनत वाला काम करती हैं, तो उनका हाइमन आंतरिक रूप से नष्ट हो जाता है और इस बात का उन्हें पता भी नहीं चल पाता। इसलिए घबरायें नहीं और पूरे आत्मविश्वास के साथ पति के साथ पहले मिलन का आनंद उठायें ।
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अधिक दिखावा और नाटकीयपन से दूर रहें-
सुहागत में दुल्हन इस बात का विशेष ध्यान रखे कि कुछ भी ओवर या दिखावा करने का प्रयास बिल्कुल न करें। इससे आपकी रात खराब हो सकती है। फिल्मों में या किसी सीरियल में सुहागरात के दृश्यों को लेकर अपने को उसी के अनुसार ढालने का प्रयास न करें। आप जैसी हैं और जैसी स्थिति उस वक्त सामने हो, वैसा ही व्यवहार करें। कुछ नया या ओवर करने के चक्कर में आपकी रात एक भयानक यादगार भरी रात साबित हो सकती है।
कुछ न भी हो तो चिंता न करें-
कई बार ऐसा होता है कि अनेकों कारणों से शादी के बाद पहली रात को पति का साथ नहीं मिल पाता, तो इस बात को दिल से लगाकर ना बैठें। शादी की लंबी-चैड़ी रस्में निभाते-निभाते दोनों नव-दम्पत्ति बहुत अधिक थक जाते हैं, इसलिए भी सुहागरात नहीं हो पाती। तो इस बात का गम मनाने की जरूरत नहीं है। विवाह के बाद हर रात आपकी है, इसलिए उत्साह और उमंग बनाये रखें।
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यादगार बनायें-
जब आप पहली बार सुहागसेज पर बैठी हों और आप दोनों(पति-पत्नी) के बीच कुछ भी न हो, तो चिंतित न न हों। आप अपने पति से अपनी विवाह से पूर्व मीठी यादों को, बचपन की गुदगुदाती शरारातों और यादों को शेयर कर सकती हैं। कुछ उनकी सुनें, कुछ अपनी सुनायें। उनके बारे में जानने का प्रयास करें, उनके दिल में झांक कर जानने की कोशिश करें कि उनके दिल में क्या है। विवाह तो जीवनभर का साथ होता है, न कि एक रात का। इसलिए संभोग को अलग रखकर केवल स्पर्श के माध्यम से भी आप दोनों रात गुजार सकते हैं। खुलकर एक-दूसरे से बांहों में बांहें डाले बात कर सकते हैं और नींद आने पर उसी अवस्था में सो सकते हैं। इस पहली रात को हर संभव तरीके से खुशनुमा बनाने की कोशिश करें, क्योंकि यही वो एक रात है जो आपकी ‘जीवन-बगिया’ को उम्र भर के लिए महका सकती है।